India develops Monkeypox detection kit

भारत ने बनाई Monkeypox के लिए स्वदेशी RT-PCR किट

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Monkeypox वायरस के नए स्ट्रेन Clad-1 के कारण दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय चिंता की सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) की घोषणा की है। यह नया वायरस स्ट्रेन अधिक संक्रामक माना जा रहा है और इसकी मृत्यु दर भी अधिक है। ऐसे में भारत ने इस वायरस से लड़ने के लिए अपनी स्वदेशी RT-PCR किट विकसित कर ली है, जिसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा मंजूरी भी मिल गई है।

IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay: एक महत्वपूर्ण उपलब्धि

Siemens Healthineers द्वारा विकसित “IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay” को CDSCO से निर्माण की अनुमति मिल चुकी है। यह उपलब्धि “Make in India” अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है और Monkeypox के खिलाफ लड़ाई में यह किट एक महत्वपूर्ण योगदान देगी। इस किट का निर्माण Siemens Healthineers की वडोदरा स्थित मॉलीक्यूलर डायग्नोस्टिक्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में किया जाएगा, जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1 मिलियन प्रतिक्रियाओं की है। यह किट जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी।

RT-PCR किट की विशेषताएं और महत्ता

IMDX Monkeypox Detection RT-PCR Assay एक अत्याधुनिक मॉलीक्यूलर डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जो वायरस के जीनोम के दो विशिष्ट क्षेत्रों को टारगेट करता है। यह किट Clade I और Clade II दोनों प्रकारों का सटीक पता लगाने में सक्षम है, जिससे विभिन्न वायरल स्ट्रेन्स का व्यापक रूप से पता चलता है। इस किट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह प्लेटफॉर्म-अग्नोस्टिक है और मौजूदा लैब वर्कफ्लो में seamlessly फिट हो जाती है, जिससे नए उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, यह किट मौजूदा COVID-19 टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी उपयोग कर सकती है, जिससे दक्षता और बढ़ जाती है।

Siemens Healthcare का योगदान और भविष्य की दिशा

Siemens Healthcare Private Limited के प्रबंध निदेशक, हरिहरन सुब्रमण्यम ने कहा, “इस समय सटीक और सही डायग्नोस्टिक्स की जरूरत पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। भारत को Monkeypox से लड़ने के लिए एडवांस्ड Assay Kits प्रदान कर, हम इस बीमारी के खिलाफ एक सक्रिय रुख अपना रहे हैं और त्वरित और सटीक पहचान को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे जीवन बचाने में वास्तविक अंतर आ सकता है।”

Siemens Healthcare Private Limited develops indigenous Monkeypox detection RT-PCR kit

Siemens Healthcare के अनुसार, यह किट मात्र 40 मिनट में परिणाम दे सकती है, जो पारंपरिक तरीकों (जो 1-2 घंटे लेते हैं) से काफी तेज है। इस assay kit के उपयोग से रिपोर्टिंग के लिए turnaround time कम हो जाता है, जिससे तेजी से प्रतिक्रिया दी जा सकती है। इस किट को ICMR-National Institute of Virology, पुणे द्वारा क्लिनिकली validated किया गया है, और यह 100 प्रतिशत sensitivity और specificity का दावा करती है। IMDX Monkeypox RT-PCR Assay Kits भारतीय वैधानिक दिशानिर्देशों का पालन करते हैं और उच्चतम वैश्विक मानकों का भी पालन करते हैं।

स्वास्थ्य सेवा में सुधार की दिशा में एक कदम

यह किट Siemens Healthineers की “Access to Care” के सुधार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह केवल Monkeypox के खिलाफ एक साधारण लड़ाई नहीं है, बल्कि एक व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और भी मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम है। जब पूरी दुनिया Monkeypox के खतरे से जूझ रही है, तो भारत का यह कदम न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Monkeypox का वैश्विक प्रभाव और भारत की तैयारी

Monkeypox वायरस का Clade-1 स्ट्रेन अधिक घातक और संक्रामक होने के कारण वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। WHO की हालिया घोषणा के बाद, इस वायरस को नियंत्रण में रखने के लिए त्वरित और सटीक जांच की जरूरत और भी बढ़ गई है। भारत का यह स्वदेशी RT-PCR किट विकसित करना न केवल एक वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि यह हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा को और भी मजबूत बनाता है।

स्वास्थ्य सुरक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत

Make in India अभियान के तहत Siemens Healthineers द्वारा विकसित यह RT-PCR किट, स्वास्थ्य सुरक्षा में आत्मनिर्भरता की ओर भारत के बढ़ते कदमों का प्रतीक है। यह किट न केवल Monkeypox के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य में भी किसी भी स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए देश की तैयारियों को और मजबूत करेगी।

भारत की इस उपलब्धि से दुनिया को यह संदेश जाता है कि हम किसी भी वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। आने वाले समय में इस तरह के नवाचार न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद साबित होंगे। Siemens Healthineers की यह RT-PCR किट हमारे देश की विज्ञान और तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और मील का पत्थर है।