PM Narendra Modi: A powerful and inspiring leader

नरेंद्र दामोदरदास मोदी, जिन्हें हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में जानते हैं, भारतीय राजनीति में एक अत्यधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली नेता हैं। वह 26 मई 2014 को भारत के 15वें प्रधानमंत्री बने और 2019 में जनता द्वारा एक बार फिर से भारी बहुमत से चुने गए। अपने नेतृत्व में, मोदी ने भारत के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक ढांचे में अनेक बदलाव किए हैं। उनके व्यक्तित्व, नेतृत्व क्षमता और कड़े निर्णयों ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी एक बड़ा कद दिलाया है।

इस लेख में, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन, उनके राजनीतिक करियर, उनके शासन के प्रमुख निर्णयों और उनकी नीतियों पर गहराई से चर्चा करेंगे।

प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि

PM Narendra Modi Early Life and Background

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उनका परिवार एक मध्यमवर्गीय था, और उनके पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी एक छोटे व्यापारी थे। बचपन में मोदी ने अपने पिता के साथ चाय बेचने का काम किया, जिसे अक्सर “चायवाला” संदर्भ में देखा जाता है। यह उनके जीवन के संघर्षों की शुरुआत थी, जिन्होंने उनके व्यक्तित्व को गढ़ा।

मोदी का प्रारंभिक जीवन कठिनाईयों से भरा था, लेकिन उनमें हमेशा से कुछ बड़ा करने की इच्छा थी। उन्होंने छोटी उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए और वहां से उन्होंने अपने जीवन की दिशा को राजनीतिक सेवा की ओर मोड़ा। आरएसएस में उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व और संगठनात्मक कौशल सीखा, जो बाद में उनके राजनीतिक करियर में बहुत मददगार साबित हुए।

शिक्षा और युवा जीवन

pm modi's education and youth life

नरेंद्र मोदी की शिक्षा भी उनके जीवन की कठिनाइयों का एक हिस्सा थी। उन्होंने वडनगर से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की। हालाँकि, उनके जीवन का अधिकतर हिस्सा आरएसएस के साथ कार्य करने में ही गुजरा, जहां उन्होंने देश और समाज सेवा का रास्ता चुना।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

The beginning of PM Modi's political career

1970 के दशक में मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़ने का निर्णय लिया। 1985 में आरएसएस ने उन्हें बीजेपी में भेजा, जहाँ उन्होंने संगठन के लिए काम करना शुरू किया। उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए 2001 में उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इस समय तक मोदी के नाम का ज्यादा लोग नहीं जानते थे, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से गुजरात को एक प्रगतिशील राज्य बनाने का काम किया।

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में योगदान

pm modi's contribution as chief minister of gujarat

मोदी ने 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरुआत की और गुजरात को एक औद्योगिक और आर्थिक रूप से मजबूत राज्य बनाया। उनके नेतृत्व में गुजरात ने आर्थिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की। मोदी के शासन में गुजरात में औद्योगीकरण ने बहुत तेजी पकड़ी, और राज्य को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य माना जाने लगा।

हालांकि, मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में 2002 का गुजरात दंगा एक विवादास्पद मुद्दा बना रहा, जिसने उनके राजनीतिक करियर पर धब्बा लगाया। इसके बावजूद, उन्होंने अपने कार्यों से राज्य में समृद्धि लाने का प्रयास किया, और लोगों ने उन्हें एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में स्वीकार किया।

2014 का लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद

pm modi's 2014 Lok Sabha election and the post of Prime Minister

2014 का लोकसभा चुनाव भारतीय राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया और मोदी ने अपनी प्रचार शैली और वादों के साथ पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। “अच्छे दिन आने वाले हैं” का नारा पूरे चुनाव प्रचार का मुख्य केंद्र बना।

मोदी ने पूरे देश में बड़े स्तर पर प्रचार किया और उनकी विकास योजनाएं, भ्रष्टाचार मुक्त शासन और मजबूत नेतृत्व के वादों ने उन्हें एक नई उम्मीद के रूप में पेश किया। परिणामस्वरूप, बीजेपी को अभूतपूर्व सफलता मिली और नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नीतिगत सुधार किए, जिनका उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था, सामाजिक संरचना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना था।

प्रधानमंत्री के रूप में प्रमुख निर्णय

प्रधानमंत्री बनने के बाद, नरेंद्र मोदी ने कई बड़े और साहसिक निर्णय लिए, जिनमें से कई निर्णय भारत के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाले थे। उनके कुछ प्रमुख निर्णयों का वर्णन नीचे दिया गया है:

1. स्वच्छ भारत अभियान

मोदी सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इसका उद्देश्य देश को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना था। इस अभियान के अंतर्गत पूरे देश में शौचालयों का निर्माण, कचरा प्रबंधन और सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के कार्यक्रम चलाए गए।

2. मेक इन इंडिया

“मेक इन इंडिया” एक प्रमुख अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण हब बनाना है। इस योजना के तहत विदेशी निवेश को आकर्षित करने, रोजगार सृजन और भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कई नीतिगत सुधार किए गए।

3. जनधन योजना

प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत सभी भारतीय नागरिकों के लिए बैंक खाते खोलने की सुविधा दी गई। इसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन था, ताकि गरीब और वंचित वर्गों को भी बैंकिंग सेवाओं का लाभ मिल सके। इस योजना के अंतर्गत करोड़ों लोगों ने अपने बैंक खाते खोले और उन्हें सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हुआ।

4. जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर)

मोदी सरकार ने 2017 में भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू किया, जो एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है। इसका उद्देश्य पूरे देश में एक एकीकृत कर व्यवस्था लागू करना था, जिससे व्यापार करना सरल हो और कर चोरी पर रोक लगे। यह भारत की सबसे बड़ी कर सुधार योजना मानी जाती है।

5. नोटबंदी

नोटबंदी नरेंद्र मोदी सरकार का एक सबसे साहसिक और विवादास्पद निर्णय था। 8 नवंबर 2016 को मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की। इस निर्णय का उद्देश्य काले धन, नकली मुद्रा और आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाना था। हालांकि, इस फैसले से देश में आर्थिक उथल-पुथल मच गई, लेकिन इसे भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ एक बड़ा कदम माना गया।

6. आत्मनिर्भर भारत अभियान

कोविड-19 महामारी के दौरान नरेंद्र मोदी ने “आत्मनिर्भर भारत अभियान” की शुरुआत की। इसका उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाना, घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी निर्भरता को कम करना था। इसके तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी समर्थन और नीतिगत सुधारों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम उठाए गए।

7. राष्ट्रवाद और सुरक्षा

मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को हमेशा प्राथमिकता दी है। बालाकोट एयरस्ट्राइक और उरी सर्जिकल स्ट्राइक जैसे साहसिक कदम उठाकर उन्होंने यह संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के प्रति कोई समझौता नहीं करेगा। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों को भी आधुनिक बनाने और उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

विदेश नीति और वैश्विक मंच पर मोदी का प्रभाव

नरेंद्र मोदी की विदेश नीति हमेशा से ही सक्रिय और बहुपक्षीय रही है। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई देशों के साथ संबंधों को मजबूत किया है। “नेबरहुड फर्स्ट” नीति के तहत उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को प्राथमिकता दी। इसके अलावा, अमेरिका, रूस, जापान, और यूरोप के देशों के साथ भी उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया।

उनकी विदेश नीति में चीन और पाकिस्तान के साथ संतुलित और सख्त रवैया देखने को मिला है। जहां चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा दिया गया, वहीं पाकिस्तान के साथ आतंकवाद के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया गया।

2019 में दोबारा प्रधानमंत्री

2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अपने चरम पर थी। उन्होंने 2014 के चुनाव की तरह ही बड़े स्तर पर प्रचार किया और बीजेपी को एक बार फिर से बड़ी जीत दिलाई। उनकी योजनाओं और नीतियों के कारण जनता ने उन्हें एक बार फिर से देश का प्रधानमंत्री चुना।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय राजनीति के एक करिश्माई नेता हैं, जिन्होंने अपने साहसिक निर्णयों और नीतिगत सुधारों के माध्यम से भारत को एक नई दिशा दी है। उनके नेतृत्व में भारत ने कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, उनके कुछ निर्णय विवादों में भी रहे हैं, लेकिन उनका उद्देश्य हमेशा देश की बेहतरी और विकास रहा है। उनके समर्थक उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में देखते हैं, जबकि उनके आलोचक उनके निर्णयों को कठोर मानते हैं। फिर भी, नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व और उनका नेतृत्व आज भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।