Lucid Motors ने अपने आने वाले Gravity SUV के बारे में नए और रोचक विवरण साझा किए हैं। यह नया इलेक्ट्रिक SUV Tesla के साथ समान चार्जिंग पोर्ट का उपयोग करेगा, जिसे North American Charging Standard (NACS) कहा जाता है। Lucid का यह कदम इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाने वाला है, खासकर जब यह Tesla के चार्जिंग नेटवर्क को बिना किसी एडेप्टर के इस्तेमाल करने की सुविधा प्रदान करेगा। Tesla-Compatible Charging: एक बड़ा लाभ 2025 से Lucid के Gravity SUV में NACS चार्जिंग पोर्ट शामिल होगा, जो इसे Tesla के Supercharger नेटवर्क का हिस्सा बना देगा। इस सुविधा के साथ Lucid Gravity के मालिक Tesla की चार्जिंग स्टेशनों का उपयोग बिना किसी एडेप्टर की आवश्यकता के कर सकेंगे। यह पोर्ट ड्राइवर की साइड के रियर फेंडर पर स्थित होगा, ठीक उसी तरह जैसे Tesla की गाड़ियों में होता है। इससे Tesla की चार्जिंग स्टेशनों पर गैर-Tesla वाहनों के चार्जिंग में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकेगा। EV Charging का भविष्य अब तक, अधिकांश गैर-Tesla EVs को CCS-to-NACS एडेप्टर की जरूरत पड़ती है या उन्हें MagicDock जैसे विशेष चार्जिंग स्टेशन खोजने पड़ते हैं। हालांकि, Ford और Rivian जैसी कंपनियों ने अपने EVs को Tesla चार्जिंग स्टेशनों से संवाद करने के लिए सॉफ़्टवेयर अपडेट जारी किए हैं, लेकिन Lucid का NACS पोर्ट इस प्रक्रिया को और आसान बना देगा। इससे Lucid Gravity के मालिक सीधे Tesla के व्यापक चार्जिंग नेटवर्क तक पहुंच सकते हैं, जो EV चार्जिंग अनुभव को तेज़ और सुगम बनाएगा। Lucid Motors की रणनीति और विकास हालांकि Lucid Motors की मौजूदा प्रमुख पेशकश, Lucid Air, एक उच्च-मूल्य वाला लक्जरी सेडान है, कंपनी को कुछ वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन इसके बावजूद, Lucid ने 2023 की तुलना में इस वर्ष अधिक वाहनों की डिलीवरी की है। इसका मतलब है कि कंपनी बाजार में धीरे-धीरे अपनी स्थिति मजबूत कर रही है, खासकर सऊदी निवेशकों के समर्थन के साथ, जो कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी रखते हैं। आने वाले वाहन और प्रतिस्पर्धा Lucid ने हाल ही में अपने Technology and Manufacturing Day इवेंट में 2026 के अंत तक आने वाले एक नए मिडसाइज SUV की भी झलक दी, जिसकी कीमत $50,000 से कम होगी। यह नया वाहन Midsize Platform पर आधारित होगा और अटलस ड्राइव यूनिट का उपयोग करेगा। यह रणनीतिक कदम Lucid को Tesla के Model Y के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगा, जो वर्तमान में इलेक्ट्रिक SUV और क्रॉसओवर बाजार पर हावी है। Lucid के पास एक और अनघोषित वाहन भी पाइपलाइन में है, जिसे Tesla Model 3 का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है। यह दिखाता है कि Lucid की योजना केवल लक्जरी सेडान तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मुख्यधारा के EV बाजार में भी विस्तार कर रहे हैं। निष्कर्ष Lucid Motors के Gravity SUV का Tesla-Compatible चार्जिंग पोर्ट और इसका NACS तकनीक का समर्थन EV उद्योग के लिए एक बड़ा कदम है। इससे EV मालिकों के लिए चार्जिंग अनुभव और भी आसान और तेज हो जाएगा, जो कंपनी की बाजार में पकड़ को और भी मजबूत करेगा। साथ ही, Lucid के आने वाले मिडसाइज SUV और अन्य वाहनों से यह साफ है कि कंपनी EV बाजार में अपने पंख फैलाने की तैयारी कर रही है।
Lucid Motors का नया Gravity SUV: Tesla जैसी चार्जिंग तकनीक के साथ
Netflix पर Tom Cruise की सबसे पॉपुलर Sci-Fi मूवी: Edge of Tomorrow
नेटफ्लिक्स पर इस समय सबसे लोकप्रिय साइंस फिक्शन फिल्म है टॉम क्रूज की यह आधुनिक क्लासिक। आइए जानते हैं इस शानदार फिल्म के बारे में विस्तार से। फिल्म का परिचय 2014 में रिलीज हुई “Edge of Tomorrow” एक ऐसी फिल्म है जो दर्शकों को अपने रोमांचक कथानक और शानदार विजुअल इफेक्ट्स से मंत्रमुग्ध कर देती है। यह फिल्म जापानी लेखक हिरोशी सकुराजाका की मंगा श्रृंखला “All You Need is Kill” पर आधारित है। कहानी मेजर विलियम केज (टॉम क्रूज) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पब्लिक रिलेशंस स्पेशलिस्ट है। वह अचानक एक खतरनाक युद्ध में फंस जाता है, जहाँ मानवता को “मिमिक्स” नामक एलियंस से खतरा है। फिल्म में नायक एक टाइम लूप में फंस जाता है, जहाँ वह बार-बार एक ही दिन को जीता और मरता है, ताकि इन भयानक आक्रमणकारियों को हरा सके। अपनी यात्रा में, केज प्रसिद्ध सार्जेंट रीटा व्रतास्की (एमिली ब्लंट) से मिलता है। दोनों मिलकर इस अंतहीन चक्र को तोड़ने और मानवता को बचाने की कोशिश करते हैं। फिल्म की विशेषताएं 1. टॉम क्रूज का अनोखा किरदार टॉम क्रूज को हम आमतौर पर एक्शन हीरो के रूप में देखने के आदी हैं। “मिशन इम्पॉसिबल” श्रृंखला में ईथन हंट या “टॉप गन” में मैवरिक जैसे किरदार उनकी पहचान बन चुके हैं। लेकिन “Edge of Tomorrow” में उन्होंने अपनी छवि को पूरी तरह से पलट दिया है। यहाँ क्रूज का किरदार मेजर विलियम केज शुरुआत में एक कायर और अनुभवहीन सैनिक है। वह युद्धक्षेत्र से बचने की हर संभव कोशिश करता है। लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, हम देखते हैं कि केज कैसे अपनी असफलताओं से सीखता है और एक सच्चा योद्धा बनता है। यह देखना दिलचस्प है कि कैसे क्रूज ने इस भूमिका को निभाया है। उनके अभिनय में केज के डर, निराशा, और धीरे-धीरे बढ़ते आत्मविश्वास को बखूबी दर्शाया गया है। 2. समय के लूप का अनोखा उपयोग “टाइम लूप” की अवधारणा सिनेमा में नई नहीं है। “ग्राउंडहॉग डे” जैसी फिल्मों ने इस विषय को पहले भी छुआ है। लेकिन “Edge of Tomorrow” इस अवधारणा को एक नया आयाम देती है। फिल्म में हर बार जब केज मरता है और फिर से उसी दिन की शुरुआत में वापस आता है, वह कुछ नया सीखता है। यह सिर्फ एक ही दिन का दोहराव नहीं है, बल्कि एक पहेली है जिसे केज को हल करना है। दर्शक केज के साथ-साथ इस रहस्य को सुलझाने की यात्रा पर निकलते हैं। हर नई “जिंदगी” में कुछ नया खुलासा होता है, जो कहानी को आगे बढ़ाता है और दर्शकों को बांधे रखता है। 3. एमिली ब्लंट का दमदार प्रदर्शन एमिली ब्लंट ने सार्जेंट रीटा व्रतास्की के रूप में एक शानदार प्रदर्शन दिया है। उनका किरदार एक अनुभवी योद्धा का है जो एक विशाल तलवार चलाती है और किसी भी अन्य सैनिक से अधिक खतरनाक और घातक है। ब्लंट, जिन्होंने इससे पहले इतनी एक्शन से भरपूर भूमिका नहीं निभाई थी, ने इस चुनौती को बखूबी निभाया है। उनका किरदार डरावना, आकर्षक और शक्तिशाली है। वे एक आदर्श नायिका के रूप में सामने आती हैं जो न केवल लड़ाई में माहिर है बल्कि बुद्धिमान भी है। रीटा का किरदार केज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह उसे प्रशिक्षित करती है, उसे प्रेरित करती है, और उसके साथ मिलकर मानवता को बचाने की रणनीति बनाती है। तकनीकी पहलू “Edge of Tomorrow” की विशेष प्रभाव और सिनेमैटोग्राफी उल्लेखनीय हैं। एलियन “मिमिक्स” का डिजाइन बेहद मौलिक और डरावना है। युद्ध के दृश्य इतने व्यापक और विस्तृत हैं कि दर्शक खुद को युद्धक्षेत्र में महसूस करते हैं। फिल्म का संगीत क्रिस्टोफ बेक द्वारा रचित है, जो कहानी के तनाव और गति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संगीत फिल्म के मूड के अनुसार बदलता रहता है, जो दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़े रखता है। निर्देशन और पटकथा डग लाइमन के निर्देशन में बनी इस फिल्म की पटकथा क्रिस्टोफर मैकक्वेरी, जेज बटरवर्थ और जॉन-हेनरी बटरवर्थ ने लिखी है। उन्होंने एक जटिल कहानी को इस तरह से प्रस्तुत किया है कि यह न केवल समझने में आसान है, बल्कि रोमांचक भी है। लाइमन ने फिल्म के पेस को बहुत अच्छी तरह से नियंत्रित किया है। टाइम लूप की अवधारणा को बार-बार दिखाना उबाऊ हो सकता था, लेकिन उन्होंने हर बार कुछ नया जोड़कर दर्शकों की रुचि बनाए रखी है। बॉक्स ऑफिस और समीक्षा “Edge of Tomorrow” को समीक्षकों और दर्शकों दोनों से काफी सराहना मिली। रॉटन टोमैटोज पर फिल्म को 91% स्कोर मिला, जबकि मेटाक्रिटिक पर इसे 8.6/10 की उपयोगकर्ता रेटिंग मिली। हालांकि, इतनी अच्छी समीक्षाओं के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। लेकिन समय के साथ, यह फिल्म एक आधुनिक साइंस फिक्शन क्लासिक के रूप में याद की जाती है। निष्कर्ष “Edge of Tomorrow” एक ऐसी फिल्म है जो साइंस फिक्शन के प्रेमियों के लिए एक ट्रीट है। यह सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं है, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो आपको सोचने पर मजबूर करती है। टाइम लूप की अवधारणा, एलियन आक्रमण, और एक कायर का हीरो बनना – ये सभी तत्व मिलकर एक शानदार अनुभव प्रदान करते हैं। टॉम क्रूज और एमिली ब्लंट की जोड़ी ने फिल्म को एक नया आयाम दिया है। उनकी केमिस्ट्री और अभिनय फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। अगर आप नेटफ्लिक्स पर कुछ रोमांचक देखना चाहते हैं, तो “Edge of Tomorrow” एक बेहतरीन विकल्प है। यह एक ऐसी फिल्म है जो आपको अपनी सीट से चिपके रहने पर मजबूर करेगी और साथ ही आपको सोचने पर भी मजबूर करेगी। तो देर किस बात की? अभी देखिए इस शानदार साइंस फिक्शन शाहकार को!
Google का AI फोटो जेनरेटर टूल Imagen 3: जानें कैसे करें इस्तेमाल और इसके खास फीचर्स
Google ने हाल ही में अपना नया AI-आधारित फोटो जेनरेशन टूल, Imagen 3, लॉन्च किया है, जो अब भारत में भी रोल आउट होना शुरू हो गया है। यह टूल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके यूज़र्स को एक साधारण टेक्स्ट डिस्क्रिप्शन के आधार पर इमेज बनाने की सुविधा देता है। AI और टेक्नोलॉजी के इस युग में यह टूल काफी चर्चित हो रहा है। आइए जानते हैं कि आप इसे कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके खास फीचर्स क्या हैं। क्या है Google Imagen 3? Google Imagen 3 एक AI-पावर्ड फोटो जेनरेशन टूल है, जो यूज़र्स को टेक्स्ट-टू-इमेज सुविधा प्रदान करता है। इसका मतलब है कि आप एक साधारण वाक्य या टेक्स्ट डालकर उससे इमेज तैयार कर सकते हैं। यह टूल बेहद प्रभावशाली और एडवांस्ड है, क्योंकि यह टेक्स्ट के आधार पर बहुत डिटेल्ड और रियलिस्टिक इमेज बना सकता है। Imagen 3 के फीचर्स Imagen 3 का उपयोग कैसे करें? Imagen 3 के फायदे Imagen 3 से जुड़े कुछ सवाल और जवाब Q1: क्या Imagen 3 फ्री है? हाँ, यह टूल फिलहाल फ्री में उपलब्ध है, लेकिन हो सकता है भविष्य में गूगल इसके लिए कोई पेमेंट मॉडल लागू करे। Q2: क्या मैं इसका उपयोग व्यावसायिक रूप से कर सकता हूँ? हालांकि यह टूल व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपलब्ध है, लेकिन व्यावसायिक उपयोग के लिए इसकी शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़ना आवश्यक है। Q3: Imagen 3 किन भाषाओं में काम करता है? फिलहाल यह टूल इंग्लिश टेक्स्ट इनपुट के साथ बेहतर काम करता है, लेकिन भविष्य में इसे अन्य भाषाओं के लिए भी उपलब्ध कराया जा सकता है। निष्कर्ष Google Imagen 3 एक क्रांतिकारी AI टूल है, जो यूज़र्स को एक नया और रचनात्मक अनुभव प्रदान करता है। इसके द्वारा यूज़र्स टेक्स्ट इनपुट के आधार पर उच्च गुणवत्ता की इमेजेस तैयार कर सकते हैं। यह टूल न केवल क्रिएटिव इंडस्ट्री में काम करने वालों के लिए बल्कि आम यूज़र्स के लिए भी बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। अगर आप भी टेक्स्ट से इमेज बनाने का अनुभव लेना चाहते हैं, तो Google Imagen 3 का इस्तेमाल ज़रूर करें।
Best SSDs of 2024: High-Speed Storage Options for Every Budget
अगर आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप के लिए तेज़ और भरोसेमंद स्टोरेज सॉल्यूशन ढूंढ रहे हैं, तो Solid State Drives (SSDs) सबसे बेहतरीन विकल्प हैं। SSDs का प्रदर्शन हार्ड ड्राइव्स (HDDs) से कई गुना बेहतर होता है, जिससे आपको तेज़ डेटा ट्रांसफर और कम बूट टाइम मिलता है। आइए 2024 के कुछ बेहतरीन SSD विकल्पों पर नज़र डालते हैं, ताकि आप अपनी ज़रूरत और बजट के अनुसार सबसे अच्छा SSD चुन सकें। SSD क्या है और क्यों चुनें? SSD एक स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा को स्टोर करने के लिए फ्लैश मेमोरी का उपयोग करता है, जबकि पारंपरिक HDDs में मूविंग पार्ट्स होते हैं। SSDs की कुछ मुख्य खूबियां इस प्रकार हैं: 2024 के सबसे अच्छे SSD विकल्प 1. Samsung 990 Pro 2. WD Black SN850X 3. Crucial P5 Plus 4. Kingston KC3000 5. Seagate FireCuda 530 SSD चुनते समय किन बातों का ध्यान रखें? भविष्य के लिए SSDs का विकास SSDs लगातार बेहतर होते जा रहे हैं, और 2024 में PCIe 5.0 SSDs भी बाज़ार में आ चुके हैं। ये SSDs भविष्य की तकनीक को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किए गए हैं, जिनमें और भी तेज़ स्पीड और बेहतर परफॉर्मेंस की उम्मीद की जा रही है। साथ ही, SSDs की कीमतें भी धीरे-धीरे कम हो रही हैं, जिससे यह अधिकतर यूजर्स के लिए किफायती हो गए हैं। निष्कर्ष 2024 में, चाहे आप एक गेमर हों, कंटेंट क्रिएटर हों, या सिर्फ अपने सिस्टम को तेज़ बनाना चाहते हों, SSDs आपके लिए सबसे बेहतर स्टोरेज सॉल्यूशन हैं। ऊपर दिए गए SSDs विभिन्न आवश्यकताओं और बजट के अनुसार सर्वश्रेष्ठ विकल्प हैं। आपकी ज़रूरतों के अनुसार सही SSD चुनें और अपने सिस्टम की परफॉर्मेंस को नए स्तर पर ले जाएं।
Vivo Y37 Pro: Snapdragon 4 Gen 2, 120Hz Screen, और 6,000mAh बैटरी के साथ दमदार Features
Vivo Y37 Pro Launch: दमदार स्पेसिफिकेशन्स के साथ शानदार स्मार्टफोन Vivo ने चीन में अपने लेटेस्ट स्मार्टफोन Vivo Y37 Pro को लॉन्च कर दिया है। यह स्मार्टफोन मिड-रेंज सेगमेंट में बेहतरीन फीचर्स के साथ आता है। इस फोन में Snapdragon 4 Gen 2 चिपसेट, 120Hz की HD LCD डिस्प्ले, और 6,000mAh की पावरफुल बैटरी दी गई है। इस स्मार्टफोन को Vivo ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर लिस्ट किया है, और इसकी कीमत और फीचर्स इसे अपने सेगमेंट में खास बनाते हैं। Vivo Y37 Pro के मुख्य फीचर्स 1. प्रोसेसर और परफॉर्मेंस Vivo Y37 Pro में Snapdragon 4 Gen 2 चिपसेट दिया गया है, जो कि एक बेहतरीन मिड-रेंज प्रोसेसर है। इस स्मार्टफोन में 8GB की RAM और 256GB की स्टोरेज दी गई है, जो कि हाई-स्पीड परफॉर्मेंस के लिए पर्याप्त है। यह फोन OriginOS 4 के साथ आता है, जो इसके सॉफ्टवेयर एक्सपीरियंस को और भी स्मूथ बनाता है। 2. डिस्प्ले क्वालिटी Vivo Y37 Pro में 6.68-इंच की 120Hz की HD LCD डिस्प्ले दी गई है, जो कि 1,000 निट्स की पीक ब्राइटनेस के साथ आती है। इसका हाई रिफ्रेश रेट यूजर्स को स्मूथ स्क्रॉलिंग और बेहतर गेमिंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है। इस फोन की डिस्प्ले बढ़िया कलर क्वालिटी और विजिबिलिटी भी देती है, जिससे यूजर्स को कंटेंट देखने का शानदार अनुभव मिलता है। 3. कैमरा सेटअप इस स्मार्टफोन का कैमरा सेटअप भी काबिल-ए-तारीफ है। Vivo Y37 Pro में 50MP का प्राइमरी कैमरा दिया गया है, जो बेहतरीन तस्वीरें क्लिक करता है। इसके अलावा, इसमें 2MP का डेप्थ सेंसर और 5MP का सेल्फी कैमरा भी है। प्राइमरी कैमरा डेली फोटोग्राफी के लिए शानदार है, और सेल्फी कैमरा भी अच्छी क्वालिटी की तस्वीरें क्लिक करता है। 4. बैटरी और चार्जिंग Vivo Y37 Pro में दी गई 6,000mAh की बैटरी इसे दिनभर चलने की क्षमता देती है। इसके साथ ही, यह 44W की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करता है, जिससे बैटरी जल्दी चार्ज हो जाती है। एक बार फुल चार्ज होने पर, यह फोन आसानी से पूरे दिन का बैकअप देता है, जिससे यूजर्स को बार-बार चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती। 5. डिजाइन और बिल्ड क्वालिटी Vivo Y37 Pro का डिजाइन भी आकर्षक है। यह फोन स्लिम और लाइटवेट है, जिससे इसे इस्तेमाल करने में आसानी होती है। फोन में साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है, जो फोन को अनलॉक करने का एक सुरक्षित और तेज़ तरीका है। इसके अलावा, यह फोन IP64 रेटिंग के साथ आता है, जिससे यह डस्ट और स्प्लैश रेसिस्टेंट भी है। 6. स्टिरियो स्पीकर और अन्य फीचर्स Vivo Y37 Pro में स्टिरियो स्पीकर्स दिए गए हैं, जो ऑडियो एक्सपीरियंस को और भी शानदार बनाते हैं। चाहे आप म्यूजिक सुन रहे हों या फिर मूवी देख रहे हों, आपको क्लियर और लाउड साउंड मिलेगा। इसके अलावा, यह फोन ट्रिपल कार्ड स्लॉट के साथ आता है, जिससे आप ड्यूल सिम और माइक्रोएसडी कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। कीमत और उपलब्धता Vivo Y37 Pro की कीमत चीन में CNY 1,799 (लगभग INR 21,320) रखी गई है। यह फोन तीन रंगों में उपलब्ध है – ऑरेंज, ब्लू, और ब्लैक। फिलहाल यह चीन में Vivo की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए खरीदा जा सकता है। हालांकि, भारत और अन्य बाजारों में इसकी उपलब्धता की जानकारी अभी नहीं दी गई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह फोन जल्द ही अन्य देशों में भी लॉन्च किया जाएगा। Vivo Y37 Pro: किनके लिए है ये फोन? Vivo Y37 Pro उन यूजर्स के लिए एक बढ़िया विकल्प है, जो मिड-रेंज बजट में एक बेहतरीन डिस्प्ले, पावरफुल बैटरी और अच्छे कैमरा सेटअप वाला स्मार्टफोन चाहते हैं। इस फोन में दी गई Snapdragon 4 Gen 2 चिपसेट और 120Hz की डिस्प्ले इसे एक अच्छा गेमिंग फोन भी बनाती है। इसके अलावा, फास्ट चार्जिंग और बड़ी बैटरी इसे उन यूजर्स के लिए सही विकल्प बनाती है, जो अपने फोन को बार-बार चार्ज नहीं करना चाहते हैं। कुछ कमियां हालांकि Vivo Y37 Pro एक शानदार फोन है, लेकिन इसमें कुछ बिंदुओं पर सुधार की गुंजाइश भी है। फोन में bloatware प्री-इंस्टॉल्ड आता है, जिसे यूजर्स को मैन्युअली हटाना पड़ता है। इसके अलावा, इसका हैप्टिक फीडबैक गेमिंग के दौरान उतना सटीक नहीं है जितनी उम्मीद थी। ये दो चीज़ें यूजर्स के अनुभव को थोड़ा प्रभावित कर सकती हैं। निष्कर्ष: क्या आपको Vivo Y37 Pro खरीदना चाहिए? अगर आप एक मिड-रेंज फोन की तलाश में हैं, जो बढ़िया परफॉर्मेंस, बेहतरीन डिस्प्ले, और लंबी बैटरी लाइफ दे, तो Vivo Y37 Pro एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह फोन खासकर उन यूजर्स के लिए उपयुक्त है जो गेमिंग, फोटोग्राफी, और मल्टीटास्किंग को प्राथमिकता देते हैं। इसकी कीमत और फीचर्स इसे अपने सेगमेंट में एक मजबूत प्रतियोगी बनाते हैं। हालांकि, कुछ बिंदुओं पर सुधार की जरूरत है, जैसे कि bloatware और हैप्टिक फीडबैक, लेकिन इसके बावजूद इस फोन का कुल मिलाकर प्रदर्शन काफी अच्छा है। अगर आप एक ऐसा फोन चाहते हैं जो आपके सभी डेली टास्क्स को आसानी से हैंडल कर सके और आपको एंटरटेनमेंट का बेहतरीन अनुभव दे, तो Vivo Y37 Pro एक बढ़िया चॉइस साबित हो सकता है।
Deepika Padukone और Ranveer Singh बने माता-पिता, Baby Girl का स्वागत कर फैंस में खुशी की लहर
Deepika Padukone और Ranveer Singh के घर आई नन्ही परी, फैंस में खुशी की लहर बॉलीवुड के पावर कपल Deepika Padukone और Ranveer Singh ने अपने जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत की है। 2024 की शुरुआत में, दोनों ने यह खुशखबरी साझा की थी कि वे सितंबर में अपने पहले बच्चे की उम्मीद कर रहे हैं। अब रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीपिका और रणवीर को एक बेटी का आशीर्वाद मिला है। इस खबर के बाद फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, और सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया है। Ganesh Chaturthi के बीच घर आई ‘लक्ष्मी’ यह शुभ समाचार Ganesh Chaturthi 2024 के उत्सव के दौरान आया है, जिसने इस खुशी को और भी खास बना दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, दीपिका और रणवीर एक सुंदर बेटी के माता-पिता बने हैं। हालांकि, इस खबर की आधिकारिक पुष्टि कपल की तरफ से अभी बाकी है, लेकिन इंटरनेट पर यह खबर फैलते ही फैंस ने सोशल मीडिया पर अपनी बधाई और खुशी जाहिर करनी शुरू कर दी है। एक फैन ने ट्विटर पर लिखा, “Deepika Padukone और Ranveer Singh को बेटी के जन्म की ढेरों बधाई! भगवान बच्ची को स्वस्थ रखें।” वहीं, दूसरे फैन ने कहा, “Ganesh Chaturthi के इस पावन मौके पर घर की लक्ष्मी का आगमन हुआ है। नवजात बच्ची का स्वागत है! रणवीर और दीपिका को ढेर सारी बधाई।” सोशल मीडिया पर फैंस का उत्साह फैंस सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर करने से पीछे नहीं रहे। एक यूजर ने पोस्ट किया, “स्वागत है नन्ही राजकुमारी का। हमें मिली हमारी छोटी दीपिका।” एक और फैन ने कहा, “रणवीर को नन्ही परी को गोद में लेने का इंतजार नहीं हो रहा।” पहले भी दीपिका और रणवीर ने अपने फॉलोवर्स को एक खास मेटरनिटी फोटोशूट से सरप्राइज दिया था। तस्वीरों में कपल की खुशी साफ नजर आ रही थी, और दीपिका ने अपने स्टाइलिश अंदाज में बेबी बंप को फ्लॉन्ट किया था। उन्होंने इस पोस्ट को ‘evil eye amulet’, दिल, और ‘infinity’ इमोजी के साथ कैप्शन किया था। मंदिर में दर्शन के दौरान दिखे साथ Ganesh Chaturthi के एक दिन पहले, रणवीर और दीपिका ने मुंबई के Siddhivinayak Temple में भगवान गणेश का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर दोनों ने पारंपरिक पोशाकें पहनीं और उनके परिवार के सदस्य भी साथ थे। भीड़ के बीच रणवीर अपनी पत्नी दीपिका का पूरा ख्याल रखते नजर आए, जो इस समय गर्भवती थीं। करियर की बात करें तो… जहां तक वर्क फ्रंट की बात है, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की अगली फिल्म Singham Again जल्द ही रिलीज़ होने वाली है। Rohit Shetty द्वारा निर्देशित यह फिल्म, उनके मशहूर Cop Universe का हिस्सा है, और इसे Diwali के मौके पर सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा। इस फिल्म में Ajay Devgn, Kareena Kapoor Khan, Tiger Shroff, Jackie Shroff, Arjun Kapoor, और Akshay Kumar भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे। फैंस को है बेसब्री से इंतजार फैंस अब बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि दीपिका और रणवीर अपनी बेटी की पहली झलक कब साझा करेंगे। सोशल मीडिया पर लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि यह नन्ही परी किस पर ज्यादा जाएगी – दीपिका की तरह स्टाइलिश और ग्रेसफुल होगी या फिर रणवीर की तरह एनर्जेटिक और चुलबुली। इस बीच, इस खबर से दोनों के परिवार में भी खुशी की लहर दौड़ गई है। दीपिका और रणवीर दोनों ही अपने-अपने परिवारों के बहुत करीब माने जाते हैं, और उनके माता-पिता बनने से उनके परिवारों की खुशी दोगुनी हो गई है। माता-पिता बनने का अनुभव रणवीर और दीपिका ने पहले भी कई बार माता-पिता बनने की चाहत जाहिर की थी। दीपिका ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें बच्चों से बेहद लगाव है, और वो अपने जीवन में इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। वहीं रणवीर ने भी कई मौकों पर यह बात कही थी कि वह एक दिन बहुत अच्छे पिता बनेंगे। अब जब यह दिन आ चुका है, तो फैंस के साथ-साथ उनके करीबी भी इस जोड़ी के लिए बेहद खुश हैं। क्या हो सकती है अगली खबर? फिलहाल, फैंस और मीडिया को रणवीर और दीपिका की ओर से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। इसके अलावा, यह देखना भी दिलचस्प होगा कि दोनों अपने पैरेंटहुड जर्नी को सोशल मीडिया पर किस तरह साझा करते हैं। कई सितारे अपने बच्चों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हैं, जिससे उनके फैंस को भी खुशी मिलती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दीपिका और रणवीर अपनी बेटी को किस तरह से दुनिया के सामने लाते हैं।
Trump की चेतावनी: De-Dollarisation की मुहिम से अमेरिका को ‘जंग हारने’ जैसी स्थिति का सामना
Trump ने De-Dollarisation पर उठाए गंभीर सवाल: क्या डॉलर की शक्ति खत्म हो रही है? पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने हाल ही में De-Dollarisation को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि अगर दुनिया डॉलर को रिजर्व करेंसी के रूप में छोड़ देती है, तो इसका प्रभाव ऐसा होगा जैसे अमेरिका एक जंग हार गया हो। उन्होंने इस संभावित आर्थिक खतरे को अमेरिका के लिए अत्यंत घातक बताया और कहा कि इससे अमेरिका की वैश्विक आर्थिक शक्ति को गहरा धक्का लग सकता है। De-Dollarisation क्या है? De-Dollarisation वह प्रक्रिया है, जिसमें दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएँ अमेरिकी डॉलर का उपयोग छोड़कर अन्य करेंसीज़ या मुद्रा ब्लॉकों को अपनाती हैं। अभी तक, अमेरिकी डॉलर दुनिया की अधिकांश आर्थिक गतिविधियों का आधार रहा है। यह दुनिया भर में लेन-देन, व्यापार, और रिजर्व फंड के रूप में उपयोग किया जाता है। परंतु, हाल के वर्षों में, कई देशों ने डॉलर की जगह अन्य मुद्राओं का इस्तेमाल करने पर विचार करना शुरू कर दिया है। BRICS देशों का रोल BRICS (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के देशों ने इस मुहिम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। इन देशों ने कई मौकों पर डॉलर के बजाय अपने व्यापार में स्थानीय मुद्राओं का उपयोग शुरू कर दिया है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य है अपने देशों की अर्थव्यवस्था को अमेरिकी नियंत्रण से स्वतंत्र करना। Trump का मानना है कि अगर यह प्रवृत्ति जारी रही, तो अमेरिका की आर्थिक शक्ति कमजोर हो सकती है, खासकर तब जब चीन, रूस और ईरान जैसे देश भी इसमें शामिल हों। De-Dollarisation के संभावित नतीजे Trump का कहना है कि अगर दुनिया ने अमेरिकी डॉलर को रिजर्व करेंसी के रूप में त्याग दिया, तो इसका असर सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नहीं बल्कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली पर भी पड़ेगा। आइए जानते हैं, इसके संभावित नतीजे: क्या BRICS अमेरिकी डॉलर की जगह ले सकता है? BRICS देशों द्वारा डॉलर की जगह अन्य मुद्राओं को अपनाने की कोशिश को अब तक पूरी तरह से सफल नहीं कहा जा सकता। हालांकि, चीन और रूस जैसे देशों ने डॉलर की जगह युआन और रुबल का उपयोग बढ़ाने की कोशिश की है, लेकिन वैश्विक बाजार में डॉलर की पकड़ अभी भी मजबूत है। परंतु, अगर BRICS राष्ट्र लगातार अपने व्यापारिक लेन-देन में डॉलर को हटाते रहते हैं, तो आने वाले समय में यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट बन सकता है। अमेरिका का जवाब De-Dollarisation की मुहिम को रोकने के लिए अमेरिका को अपनी आर्थिक नीतियों को फिर से मजबूत करना होगा। अमेरिकी सरकार को ऐसी नीतियाँ बनानी होंगी जो दुनिया के देशों को डॉलर के उपयोग में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके अलावा, अमेरिका को अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना होगा, ताकि अन्य देश डॉलर को छोड़ने से पहले कई बार सोचें। Big Tech और डेटा की भूमिका एक और बड़ी चिंता Big Tech कंपनियों के डेटा उपयोग की भी है। ये कंपनियाँ अमेरिका की आर्थिक शक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। Google, Meta, Microsoft, और Amazon जैसी कंपनियाँ ग्लोबल स्तर पर प्रभावशाली हैं, और अमेरिकी डॉलर की कमजोरी का असर इन कंपनियों पर भी पड़ सकता है। निष्कर्ष: क्या अमेरिका को सचमुच खतरा है? Trump के मुताबिक, De-Dollarisation की दिशा में बढ़ते कदम अमेरिका के लिए एक गंभीर खतरा बन सकते हैं। अगर दुनिया अमेरिकी डॉलर को छोड़ने का निर्णय लेती है, तो यह अमेरिका के लिए “जंग हारने” जैसा होगा। हालांकि, फिलहाल अमेरिकी डॉलर की स्थिति मजबूत है, लेकिन भविष्य में इसे बचाए रखने के लिए अमेरिका को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। De-Dollarisation का असर न सिर्फ अमेरिका पर पड़ेगा, बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित होगी। ऐसे में अमेरिका और अन्य देशों को एक संतुलित आर्थिक नीति की ओर बढ़ने की ज़रूरत है।
iQOO Z9s Pro Review: Premium Design, Solid Camera और शानदार बैटरी लाइफ Rs 30,000 के अंदर
iQOO Z9s Pro Review: प्रीमियम लुक्स, दमदार कैमरा और बैटरी लाइफ के साथ iQOO ने मिड-रेंज सेगमेंट में एक नया स्मार्टफोन लॉन्च किया है, जिसका नाम है iQOO Z9s Pro। यह फोन अपने प्रीमियम लुक्स, बड़ी बैटरी, हाई-क्वालिटी डिस्प्ले और शानदार कैमरा सेटअप के लिए जाना जा रहा है। इस फोन की कीमत Rs 24,999 रखी गई है और यह Rs 30,000 से नीचे एक शानदार विकल्प साबित हो सकता है। लेकिन क्या यह फोन मिड-रेंज सेगमेंट में अन्य फोनों को टक्कर दे पाएगा? आइए जानें इसकी पूरी समीक्षा। डिजाइन और बिल्ड क्वालिटी: प्रीमियम लुक और सॉलिड ड्यूरिबिलिटी iQOO Z9s Pro का डिजाइन काफी आकर्षक है। यह फोन दो अलग-अलग फिनिश में आता है: ऑरेंज वैरिएंट में आपको एक वेगन लेदर फिनिश मिलेगी, जो न केवल आकर्षक लगती है बल्कि पकड़ में भी आरामदायक होती है। वहीं, लक्स मार्बल व्हाइट ऑप्शन एक ग्लास जैसी फिनिश देता है, जो इसे बेहद प्रीमियम और स्लिक लुक देता है। फोन का डिजाइन iQOO 12 सीरीज से प्रेरित है, जो एक फ्लैगशिप डिवाइस के डिजाइन एलिमेंट्स को मिड-रेंज फोन में लाने का बेहतरीन प्रयास है। 5500mAh की बड़ी बैटरी के बावजूद यह फोन हल्का और पतला है, जो इसे इस्तेमाल में काफी आरामदायक बनाता है। इसके अलावा, IP64 रेटिंग के साथ फोन में डस्ट और स्प्लैश रेसिस्टेंस भी है, जो इसे और ज्यादा टिकाऊ बनाता है। डिस्प्ले क्वालिटी: बेहतरीन कलर्स और HDR सपोर्ट iQOO Z9s Pro की 6.77-इंच फुल HD+ AMOLED डिस्प्ले इसका एक खास फीचर है। कर्व्ड डिस्प्ले न सिर्फ फोन के लुक को बेहतर बनाता है, बल्कि व्यूइंग एक्सपीरियंस को भी एक नया आयाम देता है। HDR10+ सपोर्ट और 100% P3 कलर गामट की वजह से डिस्प्ले पर रंग बेहद जीवंत और ब्राइट दिखाई देते हैं। डिस्प्ले की 120Hz रिफ्रेश रेट से स्क्रॉलिंग और इंटरैक्शंस और भी स्मूथ हो जाती हैं। यह रिफ्रेश रेट कुछ ऐप्स में 90Hz तक गिर जाती है, जिससे बैटरी भी बेहतर चलती है। साथ ही, 4500nits की पीक ब्राइटनेस की वजह से डिस्प्ले धूप में भी आसानी से देखा जा सकता है। परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ: भरोसेमंद प्रोसेसिंग और लंबी बैटरी लाइफ iQOO Z9s Pro में Qualcomm Snapdragon 7 Gen 3 प्रोसेसर दिया गया है, जो परफॉर्मेंस और एफिशिएंसी के बीच बेहतरीन संतुलन बनाता है। 8GB तक RAM के साथ, यह फोन मल्टीटास्किंग में शानदार है। चाहे आप कई ऐप्स एक साथ चला रहे हों या गेम खेल रहे हों, फोन बिना किसी लैग के स्मूद काम करता है। बैटरी लाइफ की बात करें, तो यह फोन 5500mAh बैटरी के साथ आता है, जो पूरे दिन का बैकअप देती है। मैंने इस फोन को लगातार कैमरा इस्तेमाल और इंटरनेट ब्राउजिंग के दौरान भी एक बार चार्ज करने पर पूरे दिन इस्तेमाल किया। 80W फास्ट चार्जर की वजह से फोन को 0 से 100% तक चार्ज होने में केवल 26 मिनट लगते हैं, जो इस प्राइस सेगमेंट में बहुत अच्छा है। कैमरा परफॉर्मेंस: डेलाइट से लेकर लो-लाइट में दमदार iQOO Z9s Pro में 64MP का मेन कैमरा दिया गया है, जो डेलाइट में शानदार फोटो क्लिक करता है। तस्वीरों में डायनामिक रेंज और एक्सपोजर बेहतरीन है। रंग प्राकृतिक दिखते हैं और ओवरसैचुरेशन नहीं होता। पोर्ट्रेट मोड भी काफी अच्छा है, जहां एज डिटेक्शन और बैकग्राउंड ब्लर काफी स्मूद और नैचुरल लगता है। लो-लाइट फोटोग्राफी भी अच्छी है, हालांकि थोड़ी बहुत नॉइज़ देखी जा सकती है। फिर भी, इस प्राइस सेगमेंट में कैमरा परफॉर्मेंस प्रभावित करता है। सॉफ्टवेयर और UI: कुछ बग्स और ब्लॉटवेयर iQOO Z9s Pro में Android 14 पर आधारित FunTouch OS दिया गया है, जो UI को काफी स्मूद और इंटरैक्टिव बनाता है। हालांकि, इसमें ब्लॉटवेयर की समस्या है, जहां कई प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स मिलते हैं। कुछ ऐप्स को हटाया जा सकता है, लेकिन कुछ ऐप्स डिवाइस में हमेशा के लिए रहते हैं, जो थोड़ा निराशाजनक है। गेमिंग परफॉर्मेंस: कूलिंग सिस्टम और स्टेबल फ्रेम रेट्स गेमिंग के लिहाज से, Genshin Impact और Call of Duty Mobile जैसे गेम्स भी इस फोन में आसानी से चल जाते हैं। फोन ज्यादा गरम नहीं होता और कूलिंग सिस्टम अच्छा काम करता है। निष्कर्ष: क्या आपको iQOO Z9s Pro खरीदना चाहिए? अगर आप Rs 30,000 के अंदर एक ऐसा फोन चाहते हैं, जो प्रीमियम डिजाइन, दमदार कैमरा, बेहतरीन डिस्प्ले और लंबी बैटरी लाइफ प्रदान करता हो, तो iQOO Z9s Pro एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें कुछ खामियां हैं, जैसे ब्लॉटवेयर और हाप्टिक फीडबैक, लेकिन कुल मिलाकर यह एक शानदार पैकेज है।
iPhone 16 और iPhone 16 Pro की कीमतें लॉन्च से पहले लीक
iPhone 16 और iPhone 16 Pro की कीमतें लॉन्च से पहले लीक, जानिए पूरी जानकारी Apple अपने बहुप्रतीक्षित iPhone 16 सीरीज को 9 सितंबर को लॉन्च करने वाला है। iPhone प्रेमी इस लॉन्च का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन इसके पहले ही कीमतों और फीचर्स को लेकर कई लीक सामने आ चुके हैं। आइए, हम आपको iPhone 16 और iPhone 16 Pro की संभावित कीमतों और उनके फीचर्स के बारे में बताते हैं। iPhone 16 और iPhone 16 Pro की संभावित कीमतें Apple Hub के अनुसार, iPhone 16 सीरीज की कीमतें लॉन्च से पहले ही लीक हो चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, Apple iPhone 16 की शुरुआती कीमत $799 (लगभग ₹67,100) हो सकती है, जबकि iPhone 16 Plus $899 (लगभग ₹75,500) में उपलब्ध हो सकता है। Pro मॉडल्स में, iPhone 16 Pro की कीमत $1,099 (लगभग ₹92,300) से शुरू हो सकती है और iPhone 16 Pro Max की शुरुआती कीमत $1,199 (लगभग ₹1,00,700) हो सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये कीमतें अमेरिकी बाजार के लिए हैं। भारतीय मार्केट में, टैक्स और इम्पोर्ट ड्यूटी की वजह से ये कीमतें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं। भारत में iPhone 16 की कीमतें क्या हो सकती हैं? भारत में iPhones की कीमतें अक्सर अन्य देशों की तुलना में ज्यादा होती हैं। उदाहरण के लिए, iPhone 15 Pro की कीमत भारत में ₹1,34,900 थी, जबकि iPhone 15 Pro Max की कीमत ₹1,59,900 थी। iPhone 15 का 128GB मॉडल ₹79,900 में लॉन्च हुआ था और Plus मॉडल ₹89,900 में। iPhone 16 और iPhone 16 Plus के लिए भी ऐसी ही कीमतें देखने को मिल सकती हैं, हालांकि Pro मॉडल्स की कीमत में थोड़ा इजाफा हो सकता है क्योंकि इसमें कई नए फीचर्स और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी दी जा रही है। Pro मॉडल्स में बड़ी बैटरी, AI क्षमताएं, पतला डिजाइन और एक उन्नत कैमरा सिस्टम जैसी विशेषताएं शामिल हो सकती हैं, जिनकी वजह से कीमतें बढ़ सकती हैं। iPhone 16 के प्रमुख फीचर्स क्या हो सकते हैं? लीक्स के अनुसार, iPhone 16 सीरीज में कई नए और शानदार फीचर्स हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं: iPhone 16 की लॉन्च डेट और खरीद के ऑप्शंस Apple ने घोषणा की है कि iPhone 16 सीरीज को 9 सितंबर 2024 को लॉन्च किया जाएगा। लॉन्च के तुरंत बाद iPhone 16 और iPhone 16 Pro मॉडल्स की प्री-बुकिंग शुरू हो जाएगी। भारतीय ग्राहक Apple के ऑफिशियल स्टोर्स, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Flipkart और Amazon, और विभिन्न रिटेल आउटलेट्स पर इन फोन्स को खरीद सकते हैं। क्या भारत में कीमतें और ज्यादा हो सकती हैं? भारत में iPhones की कीमतें आमतौर पर ज्यादा होती हैं, क्योंकि यहां इम्पोर्ट ड्यूटी और टैक्सेस का असर पड़ता है। इसलिए, अमेरिकी कीमतों के मुकाबले भारत में iPhone 16 और iPhone 16 Pro की कीमतें काफी ज्यादा हो सकती हैं। हालांकि, iPhone 16 के बेस मॉडल्स की कीमतें iPhone 15 के समान हो सकती हैं, लेकिन Pro मॉडल्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, खासकर नए और एडवांस्ड फीचर्स के कारण। iPhone 16 और iPhone 16 Pro में कौन से बड़े अपग्रेड होंगे? Pro मॉडल्स में कुछ बड़े अपग्रेड्स की उम्मीद की जा रही है। इन अपग्रेड्स में नए कैमरा सेंसर, ज्यादा रैम और स्टोरेज ऑप्शंस, और बेहतर डिस्प्ले टेक्नोलॉजी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, iPhone 16 Pro और Pro Max में AI क्षमताओं के साथ एक नया चिपसेट और बड़ी बैटरी भी हो सकती है, जिससे परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ में सुधार होगा। निष्कर्ष Apple iPhone 16 सीरीज के लॉन्च के लिए फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, लॉन्च से पहले ही कीमतों और फीचर्स को लेकर कई लीक सामने आ चुके हैं, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि iPhone 16 और iPhone 16 Pro मॉडल्स में कई नए और रोमांचक अपग्रेड्स होंगे। भारत में इनकी कीमतें थोड़ी ज्यादा हो सकती हैं, लेकिन Apple के फैंस के लिए यह एक बड़ा आकर्षण होगा। आधिकारिक कीमतें और फीचर्स जानने के लिए, Apple के “It’s Glowtime” इवेंट का इंतजार करें। हम इस इवेंट की सभी अपडेट्स आपके साथ साझा करेंगे।
क्या आपका फोन आपकी बातें सुन रहा है? हां, और अब इसका सबूत भी मिल गया है!
क्या आपका फोन आपकी बातें सुन रहा है? हां, और अब इसका सबूत भी मिल गया है! आप अपने दोस्त के साथ एक कॉफी शॉप में बैठे हैं और हल्की-फुल्की बातचीत में जिक्र करते हैं कि आप एक नया घड़ी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। कुछ समय बाद जब आप अपना फोन चेक करते हैं, तो आपको अचानक घड़ियों के विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं। अब आप सोचने लगते हैं कि क्या आपका फोन सच में आपकी बातचीत सुन रहा है? आपको ऑनलाइन रिसर्च करने पर पता चलता है कि सभी सोशल मीडिया कंपनियां इसे सिरे से नकारती हैं, लेकिन आपका शक बना रहता है, खासकर जब ऐसा बार-बार होता है। लेकिन अब एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ये आशंका गलत नहीं थी। एक मार्केटिंग एजेंसी, जो Meta, Microsoft, Google और Amazon जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम करती है, ने पुष्टि की है कि आपके फोन पर कुछ ऐप्स आपके माइक्रोफोन तक पहुंच रखते हैं और आपकी निजी बातचीत को सुनते हैं। आइए इस पूरी कहानी को 5 महत्वपूर्ण बिंदुओं में समझते हैं। 1. बड़ी टेक कंपनियां सुन सकती हैं आपकी बातें 404 मीडिया द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, विज्ञापन एजेंसी Cox Media Group “Active Listening” नामक एक सॉफ्टवेयर का उपयोग करती है। यह सॉफ्टवेयर एआई तकनीक का उपयोग करके आपके फोन के आसपास होने वाली बातचीत को सुनता और विश्लेषित करता है। यह टेक्नोलॉजी वास्तविक समय में यूजर्स की बातचीत से डेटा एकत्र करती है, जिससे यह समझा जा सके कि यूजर क्या खरीदने की योजना बना रहे हैं। इसके बाद यह सॉफ़्टवेयर विज्ञापनदाताओं को यूजर के इरादों के बारे में जानकारी देता है ताकि उन्हें उनके अनुसार टार्गेट किया जा सके। 2. डेटा कैसे एकत्र किया जाता है? Cox Media Group ने अपने निवेशकों के साथ साझा की गई एक रिपोर्ट में बताया कि यह सॉफ्टवेयर 470 से अधिक विभिन्न स्रोतों से डेटा एकत्र करता है। इसमें यूजर्स की आवाज़ के अलावा उनके ऑनलाइन व्यवहार का भी विश्लेषण किया जाता है। ये तकनीक यूजर्स की बातचीत और ऑनलाइन क्रियाओं का “डेटा ट्रेल” बनाती है, जिससे विज्ञापनदाता उपभोक्ताओं की रुचियों और इरादों का पता लगा सकते हैं। यह प्रक्रिया यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर कई सवाल खड़े करती है, क्योंकि ये डेटा ज्यादातर बिना उनकी स्पष्ट अनुमति के एकत्र किया जाता है। 3. रिपोर्ट ने कैसे उजागर किए इन तरीकों को? Active Listening तकनीक पहले भी विवादों में रही है। 404 मीडिया ने पिछले साल से इस तकनीक पर कई बार रिपोर्ट की है। दिसंबर में Cox Media Group ने एक पेपर जारी किया था, जिसमें उन्होंने समझाया कि कैसे “Active Listening” तकनीक से कंपनियां मार्केटिंग रणनीतियों को बेहतर बना सकती हैं। यह तकनीक यूजर्स की ज़रूरतों और रुचियों के आधार पर उन्हें टार्गेट करती है और विज्ञापन प्लेटफॉर्म्स जैसे YouTube, स्ट्रीमिंग सेवाओं और सर्च इंजनों पर विज्ञापन दिखाती है। इस रिपोर्ट ने दोबारा से यही बातें उजागर की हैं। 4. बड़ी टेक कंपनियों की प्रतिक्रिया रिपोर्ट के बाद, बड़ी टेक कंपनियों जैसे Meta और Amazon ने अपने बयान दिए। Meta ने कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यूजर्स का डेटा बिना अनुमति के तो नहीं लिया जा रहा है। वहीं, Amazon ने इस बात से इनकार किया कि उनका Cox Media Group से कोई संबंध है और चेतावनी दी कि अगर उनके पार्टनर डेटा प्राइवेसी मानकों का उल्लंघन करते पाए गए तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। 5. ऐप्स की शर्तों में छुपी अनुमति Cox Media Group ने अपनी Active Listening तकनीक के इस्तेमाल का बचाव करते हुए कहा कि यूजर्स इस तकनीक को तब स्वीकृति देते हैं जब वे कोई ऐप डाउनलोड या अपडेट करते हैं। ऐप्स की शर्तों और नियमों में यह छुपी हुई होती है, जिसे ज्यादातर यूजर्स बिना पढ़े ही स्वीकार कर लेते हैं। इस तरह, यूजर्स जाने-अनजाने में इस ट्रैकिंग को अनुमति दे देते हैं। हालांकि, इस तरीके ने डेटा कलेक्शन में पारदर्शिता और नैतिकता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या करें यूजर्स? अगर आपको लगता है कि आपका फोन आपकी बात सुन रहा है, तो सबसे पहले आप उन ऐप्स की अनुमति को चेक करें जिन्हें आपने अपने फोन पर दिया है। आप अपनी प्राइवेसी सेटिंग्स को भी अपडेट कर सकते हैं और केवल उन्हीं ऐप्स को माइक्रोफोन एक्सेस दें जिनकी आपको सच में ज़रूरत है। साथ ही, ऐप्स की शर्तों और नियमों को ध्यान से पढ़ना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि आप जान सकें कि आप किस चीज़ के लिए सहमति दे रहे हैं। इस कहानी से यह साफ हो गया है कि बड़ी टेक कंपनियां कैसे यूजर्स की बातचीत सुनने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं और यह कितनी आसानी से आपकी जानकारी के बिना हो सकता है। इस तरह की टेक्नोलॉजी के बारे में जागरूक रहना और अपनी डिजिटल प्राइवेसी की सुरक्षा करना आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है।